कदम से कदम मिला कर चल
मंजिल मिल ही जाएगी
रस्ते पर कदम बढ़ा कर तो चल
राहों की बड़ी अजीब अदाएं है
हालात की बड़ी अलग घटाएं है
चारों ओर विपदा के बादल छाएँ है
ऐसे में भी ख़ुशी के गीत गा कर चल
कदम से कदम मिला कर चल
ना देख रास्ता कितना लम्बा है
ना सोच,ये संसार का अचम्भा है
ना डर कि अँधेरा इतना घना है
अँधेरे में भी आशा के दीप जला कर चल
कदम से कदम मिला कर चल
कर्म कर,अपने रस्ते से भटक मत
लोभ-लालच,मोह-माया से लटक मत
दूसरों की अमानत को यूँ गटक मत
अपना जीवन परहित पर वार कर चल
कदम से कदम मिला कर चल
मंजिल मिल ही जाएगी
रस्ते पर कदम बढ़ा कर तो चल
Monday 27 April 2015
कदम से कदम मिला कर चल
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वाह वाह लाजवाब है भाई साहब
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