Friday 15 May 2020

कोरी कल्पना

ये आज का भगवान है कुछ भी बना सकता है। 
हिमालय को भी तोड़कर नया बना सकता है
जुबान का एक चालाक बाजीगर है ये आदमी
जुबान से धरती पर आसमान बना सकता है
कलाकार हैं ये आज की तमाशाइयों की भीड़ में
आज तो ये आसमान में बुलेट ट्रेन चला सकता है

Wednesday 13 May 2020

हिदू-मुसलमा और मजदूर

जिनको आज तुम मजदूर कह रहे हो, ज़नाब
कल वहीं लोग तुम्हे हिन्दू-मुसलमा नजर आएंगे

तुम्हारी करनी और कथनी में बड़ा फर्क आ जाएगा
जब-जब देश की कुर्सी के चुनाव नजदीक आएंगे

भारत निर्माण करने वाले आज बेबस सड़क पर हैं
याद रखना तेरी तड़प के दिन भी जरूर आएंगे

वक्त बड़ा जल्दी गुजरता है,जनाब यहाँ इस जहां में
आज तू भूल गया उनको,कल तुझे वो बड़े याद आएंगे

बेबस-लाचार की आंखे भर आईं हैं जमाने के सामने
वो दिन दूर नही जब तेरी इन आँखों मे भी आंसू आएंगे