Sunday 15 May 2016

मुड़ के तू देख ले जरा

मुड़ के तू देख ले जरा
मै हूँ वहीं पर खड़ा
जहां पर तू ने मुझको था छोड़ा

कदमों में तेरे मैने खुद को बिछाया था
गमों को तेरे मैने दिल में छुपाया था
रोने का लम्हा भी हंस के बिताया था
तेरे बिन आज मुझको रोना है पड़ा
मुड़ के तू देख ले जरा

देखे जो  सपनें मैने, वो टुट ही गए
राहे-ए-वफ़ा वो पीछे छूट ही गए
है अब खाली हम, बस लूट ही गए
लगता है अब,सब बिखर सा गया
मुड़ के तू देख ले जरा

इन्तजार है मुझको,अब भी तेरा
नजर आए मुझको,तेरा ही चेहरा
साथ अब छोड़ा है,हालात ने मेरा
कैसे बताऊँ तुझे,मै किस-किस से हूँ लड़ा
मुड़ के तू देख ले जरा

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