Tuesday 6 October 2015

सुलग रहा है सारा हिंदुस्तान

सुलग रहा है सारा हिंदुस्तान
पूछ रहा है बस एक सवाल
कोई तो बोलो अच्छे दिन आने में
अब लगेगें और कितने साल

धर्म-राजनीति के नाम पर
जाने कितने होंगे और हलाल
चारों ओर है दहशत फैली
कट रहे है सैनिकों के कपाल
कोई तो बोलो अच्छे दिन आने में
अब लगेगें और कितने साल

घर भर रहे है सब अपने-अपने
जनता बेचारी है बेहाल
महंगाई ने कमर है तोड़ी
अमीर हो रहे है मालामाल
कोई तो बोलो अच्छे दिन आने में
अब लगेगें और कितने साल

मन की बात से भूख नही मिटती
जुमलों से नही होता कोई कमाल
काम करके दिखाना पड़ता है
इसकी भी आस नही लगती फ़िलहाल
कोई तो बोलो अच्छे दिन आने में
अब लगेगें और कितने साल

राजनीती का सब बिछा रहे है जाल
लुभाने वादों का है चारों तरफ पाल
पल-पल में बदल जाती है इनकी वाणी
बड़ा ही गजब का है इनका मायाजाल
कोई तो बोलो अच्छे दिन आने में
अब लगेगें और कितने साल

सुलग रहा है सारा हिंदुस्तान
पूछ रहा है बस एक सवाल
कोई तो बोलो अच्छे दिन आने में
अब लगेगें और कितने साल

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